जब पेट का अम्ल अन्ननलिका (oesophagus - जो भोजन को मुंह से पेट तक ले जाती है) में ऊपर की ओर लीक करता है, तो इस स्थिति को एसिड रिफ्लक्स कहा जाता है।
यह हार्टबर्न और अन्य लक्षण पैदा कर सकता है। पेट में बनने वाले अम्ल की मात्रा को कम करने वाली दवा एक आम इलाज है और आमतौर पर यह अच्छी तरह से काम करती है। कुछ लोग केवल तब दवा लेते हैं जब लक्षण बिगड़ते हैं, जबकि कुछ को लक्षणों को दूर रखने के लिए लंबे समय तक रोज़ाना दवा लेने की आवश्यकता होती है।
एसिड रिफ्लक्स का अर्थ है कि पेट का कुछ अम्ल ऊपर की ओर लीक (रिफ्लक्स) होता है।
इसोफैगाइटिस का अर्थ है अन्ननलिका की अंदरूनी सतह में सूजन। इसोफैगाइटिस के अधिकांश मामले पेट के अम्ल के कारण होते हैं, जो अन्ननलिका को चिढ़ाता है।
कुछ लोगों की अन्ननलिका की परत अम्ल के प्रति अधिक संवेदनशील होती है, इसलिए कुछ लोगों को थोड़े से अम्ल रिफ्लक्स से ही लक्षण हो सकते हैं, जबकि अन्य में अधिक अम्ल रिफ्लक्स होने पर भी कोई लक्षण या सूजन नहीं होती।
गैस्ट्रो-ओसोफैगियल रिफ्लक्स डिज़ीज़ (GORD)
यह एक सामान्य शब्द है जो इस स्थिति की पूरी श्रेणी को दर्शाता है - एसिड रिफ्लक्स, चाहे वह इसोफैगाइटिस के साथ हो या उसके बिना।
एसिड रिफ्लक्स और इसोफैगाइटिस के लक्षण
- हार्टबर्न: यह मुख्य लक्षण है। यह एक जलन जैसी अनुभूति है जो ऊपरी पेट या निचली छाती से गर्दन की ओर ऊपर उठती है। (हालाँकि इसका हृदय से कोई लेना-देना नहीं है!)
- अन्य सामान्य लक्षण: ऊपरी पेट और छाती में दर्द, जी मिचलाना, मुँह में खट्टा स्वाद, पेट फूलना, डकार, अपच और गर्म पेय पदार्थ पीने पर जलन।
- कुछ असामान्य लक्षण:
- लगातार खांसी, विशेषकर रात में
- गले में खराश, बदबूदार सांस, आवाज़ बैठना
- निगलने में दर्द या सीने में तीव्र दर्द (जो हार्ट अटैक की तरह लग सकता है)
एसिड रिफ्लक्स के कारण
पेट और अन्ननलिका के बीच एक गोलाकार मांसपेशी (स्फिंक्टर) होती है जो सामान्यतः अम्ल को ऊपर नहीं आने देती। यदि यह स्फिंक्टर ठीक से काम नहीं करता तो अम्ल ऊपर आ सकता है।
कुछ सामान्य कारण हैं:
- गर्भावस्था, भारी भोजन, आगे झुकना
- हायटस हर्निया (जब पेट का हिस्सा डायाफ्राम के जरिए छाती में आ जाता है)
एसिड रिफ्लक्स कितना आम है?
- अधिकतर लोग कभी न कभी हार्टबर्न महसूस करते हैं
- हर तीन में से एक वयस्क को कुछ दिन में एक बार होता है
- दस में से एक को हर दिन हार्टबर्न होता है
- अधिक आम: धूम्रपान करने वालों, गर्भवती महिलाओं, अधिक शराब पीने वालों, अधिक वजन वालों और 35-64 वर्ष की आयु के लोगों में
एसिड रिफ्लक्स और इसोफैगाइटिस का निदान कैसे किया जाता है?
- यदि लक्षण स्पष्ट हों तो अक्सर कोई टेस्ट नहीं किया जाता
- एंडोस्कोपी (गैस्ट्रोस्कोपी): अन्ननलिका और पेट के अंदर झाँकने के लिए एक पतली नली डाली जाती है
- सूजन दिखे तो इसोफैगाइटिस
- अगर लक्षण हैं पर जांच सामान्य हो, तो एंडोस्कोपी-निगेटिव रिफ्लक्स डिज़ीज़ कहा जाता है
उपचार
एंटासिड्स
- अम्ल को निष्क्रिय करते हैं
- तेजी से राहत देते हैं
- हल्के या कभी-कभार होने वाले हार्टबर्न के लिए 'जरूरत पड़ने पर' इस्तेमाल होते हैं
अम्ल-निरोधक दवाएं (Acid-suppressing medicines)
- PPI (प्रोटॉन पंप इनहिबिटर्स): ओमेप्राजोल, लैंसोप्राजोल, पैंटोप्राजोल, रेबेप्राजोल, एसोमेप्राजोल
- H2-ब्लॉकर: सिमेटिडिन, फैमोटिडिन, नाइज़ाटिडिन
आमतौर पर पहले PPI दिया जाता है, फिर लक्षण ठीक होने पर धीरे-धीरे कम किया जाता है
- कुछ लोगों को दीर्घकालिक दवा की आवश्यकता होती है
- PPI का लम्बे समय तक उपयोग पेट के कैंसर से जुड़ा हो सकता है, इसलिए कभी-कभी H2-ब्लॉकर को प्राथमिकता दी जाती है
- Barrett’s Oesophagus के मामलों में PPI अधिक समय तक दिए जा सकते हैं
सर्जरी
- स्फिंक्टर को मजबूत करने के लिए ऑपरेशन किया जा सकता है
- "कीहोल सर्जरी" भी एक विकल्प है
- एक नया तरीका: चुंबकीय उपकरण लगाना (अभी UK में सीमित रूप से प्रयोग होता है)
जीवनशैली में बदलाव
- धूम्रपान बंद करें: धूम्रपान स्फिंक्टर को ढीला करता है
- खानपान में सावधानी:
- ज्यादा खाना, जल्दी-जल्दी खाना, चॉकलेट, टमाटर, कॉफी, शराब, मसालेदार भोजन आदि से बचें
- फाइबर, सब्जियाँ और क्षारीय भोजन ज़्यादा लें
- कुछ दवाएं (जैसे आइबुप्रोफेन, एस्पिरिन, डाइज़ेपाम आदि) लक्षण बढ़ा सकती हैं
- वज़न कम करें
- पोस्चर में बदलाव: आगे झुकना, टाइट कपड़े या बेल्ट से बचें
- सोते समय:
- सोने से 3 घंटे पहले खाना न खाएं
- बिस्तर के सिरहाने को ऊंचा करें (तकिए नहीं, बल्कि बिस्तर को ऊंचा करें)
संभावित जटिलताएं
- संकीर्णता (Stricture): लंबे समय तक सूजन रहने पर अन्ननलिका सिकुड़ सकती है
- Barrett’s Oesophagus: अन्ननलिका की कोशिकाएं बदल जाती हैं, जिससे कैंसर का खतरा थोड़ा बढ़ जाता है
- कैंसर: लंबे समय तक एसिड रिफ्लक्स से ग्रसित लोगों में ग्रसित न होने वालों की तुलना में थोड़ा ज़्यादा खतरा होता है
यदि निगलने में दर्द हो या खाना अटकता हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें