पेट में अल्सर क्या होता है?
पेट का अल्सर (जिसे गैस्ट्रिक अल्सर भी कहा जाता है) पेट की परत में एक ज़ख्म या घाव होता है। ये पेट में तेज़ जलन या चुभन जैसा दर्द दे सकता है, खासकर पेट के ऊपरी और बीच वाले हिस्से में।
पेट के अल्सर के लक्षण
सबसे आम लक्षण है:
- पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द।
इसके अलावा कुछ और लक्षण हो सकते हैं:
- पेट फूलना या गैस बनना
- मतली या उल्टी जैसा महसूस होना (रेटचिंग)
- उल्टी आना
- खाना खाने के बाद बहुत ज्यादा भरा-भरा महसूस होना
- खट्टी डकारें या सीने में जलन (एसिड रिफ्लक्स)
पेट में अल्सर क्यों होता है?
पेट में प्राकृतिक रूप से तेज़ एसिड बनता है, जो खाने को पचाने में मदद करता है। लेकिन जब पेट की अंदरूनी परत को सुरक्षा देने वाली परत को नुकसान पहुंचता है, तब अल्सर बनता है। शुरू में हल्की सूजन (गैस्ट्राइटिस) होती है, फिर धीरे-धीरे ये एक घाव का रूप ले लेता है।
इसके प्रमुख कारण:
🔹 H. pylori बैक्टीरिया का संक्रमण – ये संक्रमण लगभग 80% मामलों में अल्सर का कारण होता है।
🔹 दर्द निवारक दवाएं (NSAIDs) – जैसे कि आइबुप्रोफेन, एस्प्रिन, नेप्रोक्सन इत्यादि।
🔹 अन्य कारण –
- धूम्रपान
- कुछ वायरल संक्रमण
- क्रोहन रोग
- ज़ोलिंजर-एलिसन सिंड्रोम
- कुछ मामलों में पेट का कैंसर (हालांकि यह बहुत कम होता है)
पेट में अल्सर कितनी बार होता है?
हर 10 में से 1 से 2 लोगों को जीवन में कभी ना कभी पेट का अल्सर हो सकता है। 1980 के बाद से इसके इलाज बेहतर होने के कारण ये अब कम देखने को मिलता है।
पेट के अल्सर की जटिलताएँ (कॉम्प्लिकेशन)
हालाँकि आज इलाज बेहतर हो चुका है, फिर भी कुछ मामलों में गंभीर समस्याएँ हो सकती हैं:
1. अल्सर से खून बहना (ब्लीडिंग)
- खून की उल्टी (haematemesis)
- कॉफी ग्राउंड जैसी उल्टी
- काले, चिपचिपे मल (मलेना)
➡️ ऐसे लक्षण हों तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
2. पेट में छेद हो जाना (परफोरेशन)
- अल्सर जब पूरी परत में छेद कर देता है तो पेट का खाना और एसिड पेट से बाहर लीक हो जाते हैं।
- इससे अचानक तेज़ पेट दर्द होता है और व्यक्ति गंभीर रूप से बीमार हो सकता है।
➡️ यह मेडिकल इमरजेंसी है।
3. पेट का रास्ता बंद हो जाना (ब्लॉकेज)
- बहुत दुर्लभ होता है, लेकिन अगर अल्सर पेट के आखिरी हिस्से में हो तो खाना बाहर नहीं जा पाता और बार-बार उल्टी हो सकती है।
पेट के अल्सर की पहचान कैसे होती है?
जांचें:
- H. pylori टेस्ट – मल या एंडोस्कोपी के दौरान लिया गया सैंपल
- ब्लड टेस्ट – खून की कमी या अन्य अंगों की कार्यक्षमता जानने के लिए
- एंडोस्कोपी (गैस्ट्रोस्कोपी) – पेट के अंदर कैमरा डालकर सीधे देखने से पता चलता है
- बायोप्सी – अल्सर के पास से ऊतक का नमूना लेकर जांच की जाती है ताकि यह कैंसर तो नहीं
पेट के अल्सर का इलाज
1. एसिड कम करने वाली दवाएं
- जैसे कि ओमेप्राजोल, लैंसोपराजोल
- आमतौर पर 6 से 8 हफ्तों तक चलती हैं
2. एंटीबायोटिक दवाएं
- अगर अल्सर H. pylori से हुआ है तो एंटीबायोटिक के साथ-साथ एसिड कम करने की दवाएं भी दी जाती हैं
3. दर्द निवारक दवाओं को बंद करना
- जैसे आइबुप्रोफेन, एस्प्रिन – इन्हें बंद करने से अल्सर जल्दी ठीक होता है
- अगर ज़रूरी हो तो एसिड कम करने की दवा के साथ इन्हें सुरक्षित रूप से लिया जा सकता है
4. सर्जरी
- केवल तभी होती है जब अल्सर से खून बह रहा हो या छेद हो गया हो
जीवनशैली में बदलाव (General Advice):
- वजन घटाएं (अगर ज़्यादा है)
- खट्टी, तीखी, तली हुई चीज़ें कम करें
- रात का खाना सोने से 3-4 घंटे पहले खाएं
- धूम्रपान और शराब छोड़ें या कम करें
इलाज के बाद क्या होता है?
इलाज पूरा होने के 6-8 हफ्तों बाद फिर से एंडोस्कोपी कराई जाती है ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि अल्सर पूरी तरह से ठीक हो गया है और कैंसर जैसी कोई गंभीर बीमारी नहीं है।