गैस और पेट फूलना (Trapped Wind and Bloating)
हमारे पेट और आंतों में थोड़ी-बहुत गैस होना सामान्य है। लेकिन कुछ लोगों को इस सामान्य गैस से भी तकलीफ़ होती है – जैसे पेट में दर्द, ज़्यादा डकार आना, या बार-बार हवा छोड़ना (पाद आना)। कभी-कभी पेट में गैस सामान्य से ज़्यादा बनती है, जैसे:
- बहुत जल्दी खाना खाना
- कुछ खास चीज़ें खाना
- कुछ बीमारियाँ
ट्रैप्ड विंड (फंसी हुई गैस) क्या होती है?
जब पेट में गैस बनती है और बाहर नहीं निकलती, तो उसे "Trapped Wind" कहते हैं। यह गैस आमतौर पर:
- हवा निगलने से (खाना खाते, पानी पीते समय)
- तेज़ी से खाने या च्युइंग गम चबाने से
- कुछ खाने की चीज़ों से (जैसे फूलगोभी, राजमा, ब्रोकली)
गैस पेट से होते हुए आंतों तक जाती है और फिर पीछे से बाहर निकलती है। इसमें डकार (burping) और पाद (passing wind) शामिल हैं।
फंसी हुई गैस के लक्षण (Symptoms)
- पेट में भारीपन या फूलाव
- डकार आना
- पेट में ऐंठन या मरोड़
- बार-बार हवा छोड़ना (गैस पास होना)
- पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द
- कपड़े तंग लगने लगते हैं, खासकर कमर के पास
गैस बनने के कारण (Causes)
1. हवा निगलना (Aerophagia)
- तेज़ी से खाना, गम चबाना, धूम्रपान
- तनाव के कारण भी लोग बिना जाने हवा निगल लेते हैं
2. खाना-पान
- फूलगोभी, राजमा, ब्रोकली, आलू, मक्का, नूडल्स
- दूध से एलर्जी (Lactose intolerance) – दूध पीने से गैस, दर्द या दस्त
- कुछ शुगर जैसे फ्रक्टोज़ या सोर्बिटोल – यह फलों, मीठे पदार्थों और च्युइंग गम में होते हैं
3. दवाइयाँ
- डायबिटीज की दवा मेटफॉर्मिन, या कब्ज के लिए ली जाने वाली लैक्टुलोज़ जैसी दवाएं
- कुछ एंटासिड्स पेट में और गैस बना सकते हैं
4. बीमारियाँ
- इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) – पेट दर्द, कब्ज/दस्त, और फूलना
- सीलिएक रोग (Coeliac Disease) – गेहूं, जौ और राई से एलर्जी
- क्रोहन रोग, अल्सरेटिव कोलाइटिस – आंतों की सूजन
- डाइवर्टीकुलिटिस – बड़ी आंत में छोटी पाउचों में संक्रमण
- स्मॉल इंटेस्टाइनल बैक्टीरियल ओवरग्रोथ (SIBO) – आंत में ज़्यादा बैक्टीरिया
- स्क्लेरोडर्मा – एक ऑटोइम्यून बीमारी
- अंडाशय का कैंसर (Ovarian Cancer) – जिसमें भी पेट फूलना एक लक्षण हो सकता है
- Giardiasis – एक संक्रमण जिससे बदबूदार डकार आती है
कौन-से टेस्ट ज़रूरी हो सकते हैं?
आमतौर पर गैस और फूलाव के लिए टेस्ट की ज़रूरत नहीं होती। लेकिन डॉक्टर से मिलना ज़रूरी है अगर:
- दस्त लगातार हो रहा हो
- मल में खून आ रहा हो
- वज़न घट रहा हो
- भूख नहीं लग रही हो
- बुखार हो
- उल्टी हो रही हो
- एनीमिया (खून की कमी) हो
- निगलने में दिक्कत हो
संभावित टेस्ट:
- मल का टेस्ट (संक्रमण, खून या फैट जांचने के लिए)
- ब्लड टेस्ट (सीलिएक के लिए)
- एंडोस्कोपी या कोलोनोस्कोपी
- एक्स-रे या अन्य स्कैन
गैस और फूलाव से राहत के उपाय
1. खाने-पीने में बदलाव
- फाइबर से भरपूर और गैस बनाने वाले खाद्य पदार्थ कम करें
- दूध और डेयरी उत्पाद से बचें अगर आपको Lactose Intolerance है
- मीठी चीज़ें और आर्टिफिशियल स्वीटनर (जैसे सोर्बिटोल) कम करें
- फ्रक्टोज़ और हाई फ्रक्टोज़ कॉर्न सिरप से बचें
2. प्रोबायोटिक्स
- ये पेट में "अच्छे बैक्टीरिया" बढ़ाते हैं। कुछ लोगों को इससे फायदा होता है।
3. व्यायाम (Exercise)
- रोज़ाना हल्की-फुल्की वॉक या योगासन (जैसे पवनमुक्तासन) गैस बाहर निकालने में मदद करते हैं
4. दवाइयाँ (ओवर-द-काउंटर)
- Simethicone – गैस के लिए (बच्चों में भी दिया जाता है)
- Peppermint oil, Mebeverine, Alverine – पेट की ऐंठन कम करते हैं
- कुछ दवाइयाँ डॉक्टर की सलाह से ही लें
5. डिओडोराइजिंग प्रोडक्ट्स
- चारकोल अंडरवियर या कुशन – बदबूदार गैस से राहत, लेकिन महंगे होते हैं
6. मानसिक इलाज (Psychological therapy)
- जिन लोगों को गैस को लेकर बहुत चिंता या स्ट्रेस होता है, उनके लिए CBT (Cognitive Behavioural Therapy) और माइंडफुलनेस तकनीक मदद कर सकती हैं